मैं जानता हूँ वो पलट के आएगा नहीं
मगर उसे पुकारना
उसी के ख्वाब देखना मुझे पसंद है
मुझे धनक के सात रंग
कभी नहीं लुभा सके
इसी धनक के दरमियां
कहीं है रंग आठवां
उसी की बात करना और उसी के ख्वाब देखना मुझे पसंद है
मैं जानता हूँ उस के दिल में मेरे वास्ते ज़रा सी भी तड़प नहीं, ज़रा सा भी नहीं है प्यार फिर भी उस को चाहना मुझे पसंद है
मैं जानता हूँ
वो कभी भी हम सफ़र नहीं बनेगा, मेरा फिर भी उस की राह देखना
मुझे पसंद है
मैं जानता हूँ वो मुझे
कभी नहीं मिलेगा फिर भी उस को ढूंढना
उसी के ख्वाब देखना
मुझे पसंद है

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